Not known Factual Statements About Shodashi
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कामपूर्णजकाराख्यसुपीठान्तर्न्निवासिनीम् ।
This classification highlights her benevolent and nurturing features, contrasting Along with the fierce and moderate-intense natured goddesses within the team.
हस्ते पङ्केरुहाभे सरससरसिजं बिभ्रती लोकमाता
Shiva used the ashes, and adjacent mud to yet again variety Kama. Then, with their yogic powers, they breathed everyday living into Kama in this type of way that he was animated and really able to sadhana. As Kama ongoing his sadhana, he step by step received electric power in excess of Other people. Thoroughly acutely aware in the possible for challenges, Shiva played alongside. When Shiva was requested by Kama to get a boon to acquire fifty percent of the power of his adversaries, Shiva granted it.
ह्रीं ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं
यह उपरोक्त कथा केवल एक कथा ही नहीं है, जीवन का श्रेष्ठतम सत्य है, क्योंकि जिस व्यक्ति पर षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी की कृपा हो जाती है, जो व्यक्ति जीवन में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि यह शक्ति शिव की शक्ति है, यह शक्ति इच्छा, ज्ञान, क्रिया — तीनों स्वरूपों को पूर्णत: प्रदान करने वाली है।
कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —
संरक्षार्थमुपागताऽभिरसकृन्नित्याभिधाभिर्मुदा ।
रविताक्ष्येन्दुकन्दर्पैः शङ्करानलविष्णुभिः ॥३॥
As being the camphor is burnt into the fire right away, the sins produced by the person turn out to be free of charge from Individuals. There isn't a any as such need to have to uncover an auspicious time to begin the accomplishment. But pursuing durations are said to become Unique for this.
श्रौतस्मार्तक्रियाणामविकलफलदा भालनेत्रस्य more info दाराः ।
वन्दे तामष्टवर्गोत्थमहासिद्ध्यादिकेश्वरीम् ॥११॥
Phase 2: Get an image of Mahavidya Shodashi and spot some flowers before her. Present incense sticks to her by lights precisely the same in front of her image.
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१०॥